और हम सब के लिए ये सबसे बड़ा पर्व है .क्योंकि गुरु और शिष्य के मध्य का रिश्ता सबसे अनूठा है और एक शिष्य के लिए अपने गुरु के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने के लिए आज के दिन ही गुरु की आराधना की जाती है . याद रखे कि ; माता और पिता के बाद गुरु का ही स्थान सर्वोपरि है !!!
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